रो मत मेरी जान
अपने हाथों से अपनी तकदीर मिटाकर,
मैं मुट्ठी में भरकर तेरे लिये खुशियाँ लाया हूँ।
देख, मैं खुद की ख्वाहिशें पिछले मोड़ पर छोड़कर,
तेरे अरमान अपनी आँखों में सजाकर लाया हूँ।
रो मत मेरी जान
देख, मैं तेरे टूटे सपनों को जोड़कर,
उन्हें अपनी पीठ पर ढोकर लाया हूँ।
तेरे दर्द को महसूस करने की खातिर
मैं खुद का दिल कुरेदकर आया हूँ।
रो मत मेरी जान
मैं इस दुनियाँ के लिये अनजान बनकर
तुझे बस थोड़ा और जानने आया हूँ।
तेरी बस एक मुस्कुराहट के वास्ते
देख, मैं अपना सब कुछ गवाने आया हूँ।
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