अलग-अलग भाव में, और अलग-अलग वक्त पर मेरी लिखीं ये 200 छोटी-बड़ी कवितायें जगह-जगह पर बिखरी हुईं थी। आज दोस्तों के सुझाव पर उन्हें एक किताब में बटोर रही हूँ।
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