अलग-अलग भाव में, और अलग-अलग वक्त पर मेरी लिखीं ये 200 छोटी-बड़ी कवितायें जगह-जगह पर बिखरी हुईं थी। आज दोस्तों के सुझाव पर उन्हें एक किताब में बटोर रही हूँ। Click the link below to read the book.
Category: My Books
Suno, Maya! – dialogue with The Universe
‘सुनो, माया!’ किताब की मुख्य किरदार एक दिन अपने आप को मायूसी से घिरा पाती है। जब बहुत कोशिश करके भी वह रोशनी कहीं ढूंढ ना पायी, तो उसने माया को आवाज लगायी। क्या माया की कही बातें उसके लिये कुछ सहारा बन पायेंगी ? Click the link below to read the book.
‘डिब्बी’
‘डिब्बी’ आम बोलचाल की भाषा में लिखी गयीं 150 छोटी-छोटी हिन्दी कविताओं का संग्रह है। हर कविता दिल को छूती है, तो दिल थामकर पढ़ना। कविता के किरदारों को अपना मानकर पढ़ना। और इसके अलावा, दो-चार कवितायें ऐसी भी हैं, जो मैंने अधूरी छोड़ी हैं। अगर आप लिखने का शौक रखते हैं, तो जरा मदद…